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"रामलला का सूर्य तिलक: अयोध्या में महान उत्सव की शुरुआत"

अयोध्या के महान रामनवमी पर, दोपहर 12 बजे, रामलला का अत्यंत महत्वपूर्ण सूर्य तिलक हुआ। इस शुभ क्षण में प्राण प्रतिष्ठा के बाद, रामलला को यह अद्वितीय मौका मिला कि वे अपने पहले सूर्य तिलक के साथ अपने राज्य के अधिकारी बने। इस उत्सवी अवसर पर, दोपहर 12 बजे के अभिजीत मुहूर्त में, रामलला का सूर्य तिलक विशेष धार्मिक विधि और आदर के साथ किया गया। इस महत्वपूर्ण समय के दौरान, रामलला की मस्तक पर 3 मिनट तक नीली किरणें पड़ीं, जो इस पवित्र घटना का एक अत्यधिक महत्वपूर्ण प्रतीक था। यह अद्वितीय घटना उस नव-प्रवास की शुरुआत का संकेत था, जो धर्म, समर्पण, और नैतिकता के माध्यम से विश्व को उजागर करता है।

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